ARBIND MISHRA
Saturday, July 2, 2011
9. तुम्ह पावक महुं करहु निवासा
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शायद उमस भरी गर्मी की वजह से या फिर अंतर्दाह (एसिडिटी) की वजह से किसी को गाली देने की इच्छा हो रही थी| एकाध ऐस...
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Wednesday, June 8, 2011
8. एकलव्य है न्याय मांगता, द्रोण अंगूठा काटो ना .....
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डाउन होस्टल के ग्राउंड में प्रोजेक्टर से सिनेमा दिखाया जा रहा था, पता नहीं क्यों ये आयोजन हमारे प्रिंसिपल साह...
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Thursday, April 28, 2011
7. साधन और साध्य में फर्क
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पढाई, और वो भी खास कर के इंजीनियरिंग की, मुझे कभी रास नहीं आयी, परन्तु मेरे सामने कोई विकल्प नहीं था| मेरे सारे ख्...
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Wednesday, April 13, 2011
6. बाज़ीचा-ए-अत्फ़ाल ...
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कॉलेज के स्टुडेंट्स के लिए स्टेट ट्रांसपोर्ट की बस 'लाल डब्बा' का वही महत्व था जो निर्जन टापू पर...
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Sunday, April 3, 2011
5. अनर्गल वार्ता
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कॉलेज के सभी छात्रों के प्रायः एक या दो स्थानीय अभिभावक होते थे, जिन्हें हम 'एल० जी०' (लोकल गार्जियन) कहते ...
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Wednesday, March 23, 2011
4. कर्मण्येवाधिकारस्ते .....
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परीक्षाएं आने वाली थीं| अब कोई भी गर्ल्स होस्टल इसलिए नहीं जाता था कि अभी लड़कियों ने पढ़ाई की वजह से बाहर निकलना बंद क...
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